डॉ श्याम सुंदर गुप्ता, Ph.D. और डॉ अजय कुमार तिवारी, M.D. (आयुर्वेद)
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) किडनी, आंख और हृदय आदि को नुकसान पहुंचा सकता है। बढ़ा हुआ रक्तचाप कार्डियोमायोपैथी ब्रेन हेमरेज, रेटिनल हेमरेज, हेमीप्लेजिक और एन्यूरिज्म आदि का कारण बनता है।
सामान्य डायस्टोलिक रक्तचाप- 60-90 mm Hg
सामान्य सिस्टोलिक रक्तचाप- 100-140 mm Hg
लक्षण: सिर दर्द, जी मिचलाना, चक्कर आना, उल्टी, सांस फूलना, बेचैनी, थकान महसूस होना, सीने में दर्द, नाक से खून आना आदि।
उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए अच्छी आदतें
- नमक का कम या पर्याप्त सेवन करें
- नियमित टहलें और व्यायाम करें
- शराब का सेवन कम या बिलकुल ना करें
- तनाव कम करें
- वज़न कम करना
- धूम्रपान ना करें
- कम वसा युक्त आहार का सेवन करें
- रोजाना योग अभ्यास करें
उच्च रक्तचाप कम हेतु जड़ी बूटी
जटामांसी की जड़ें: जटामांसी की जड़ें हृदय की कार्य शैली और उसकी गति को नियंत्रित करता है। यह रक्तचाप को कम करने और उच्च रक्तचाप के इलाज में अद्भुत काम करता है (1) । इसे उबालकर और छानकर लिया जा सकता है।
अश्वगंधा: अश्वगंधा में कई गुण होते हैं जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ट्यूमर, नॉट्रोपिज्म और इम्यून-मॉड्यूलेटरी गुण होने के साथ-साथ शरीर के अंतःस्रावी, तंत्रिका और कार्डियोपल्मोनरी सिस्टम पर प्रभाव डालना। तनाव से उत्पन उच्च रक्तचाप के उपचार में दूध के साथ अश्वगंधा प्रभावी है, इसलिए यह उच्च रक्तचाप के उपचार में एक प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है और इसके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं (2)।
सर्पगंधा: रॉवोल्फिया-सर्पेंटिया (सर्पगंधा) की कम खुराक का उपयोग उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए उपयुक्त है। सर्पगंधा) की कम खुराक ही लेना चाहिए क्योंकि इस पौधे के कुछ दुष्प्रभाव हैं। चिकित्सकों के अनुसार सर्पगंधा उच्च रक्तचाप (3) के उपचार के लिए सुरक्षित और प्रभावी है।
ध्यान दें: जटामांसी (2 ग्राम), अश्वगंधा (3 ग्राम) और सर्पगंधा (250 मिलीग्राम) का चूर्ण तीन
महीने तक उच्च रक्तचाप में लिया जा सकता है।
अदरक: अदरक रक्त परिसंचरण की गतिविधि में सुधार करता है और रक्त वाहिकाओं के आसपास की मांसपेशियों को आराम देता है। कैल्शियम चैनल (4) के मार्ग में अवरोध के माध्यम से अदरक रक्तचाप को कम करता है।
लहसुन की कली: लहसुन (एलियम सैटिवम) मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण आहार के साथ-साथ औषधीय भूमिका भी निभाई है। हाइड्रोजन सल्फाइड उत्पादन के कारण लहसुन रक्तचाप को कम करता है। लहसुन में पाए जाने वाले एंजाइम एलिनेज (alliinase) जिसमें एंजियोटेंसिन II को अवरोधित और वासोडिलेटिंग की क्षमता होती है, जैसा कि पशु और मानव कोशिका अध्ययन (5) में दिखाया गया है। लहसुन की कली (0.6-1.2 ग्राम/दिन) की खुराक भोजन में या अकेले रक्तचाप को कम करने के लिए ली जा सकती है।
अजवायन का बीज: अजवायन के बीज में थाइमोल, एक कैल्शियम चैनल अवरोधक होता है, और यह हृदय गति और रक्तचाप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (6) । रक्तचाप को कम करने के लिए इसे उबालकर और छानकर 5 से 7 ग्राम/दिन लिया जा सकता है।
गाजर का रस: गाजर में मौजूद क्यूमरिन ग्लाइकोसाइड कैल्शियम चैनल अवरोधक होने के कारण रक्तचाप को कम करता है (7) । गाजर का जूस पीने से सिस्टोलिक प्रेशर कम होता है और रक्तचाप सामान्य रहता है (8) ।