कैंसर विकसित और विकासशील दोनों देशों में मानव जीवन को नष्ट करने वाली बीमारी का एक बड़ा बोझ है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बताया है कि 2030 में कैंसर से होने वाली मौतें बढ़कर 12 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है (1)। कुछ पौधों से व्युत्पन्न (derived) दवाएं जिनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, उनमें कैंसर को रोकने की महत्वपूर्ण क्षमता होती है। कुछ शोधों ने साबित किया कि कुछ मसालों में कैंसर-निवारक एजेंट होते हैं और कैंसर को रोक सकते हैं। दालचीनी, हल्दी, सौंफ, लहसुन, अदरक, काली मिर्च, केसर, काला जीरा आदि कैंसर से बचाव करने वाले भारतीय मसालों में शामिल हैं।
दालचीनी की छाल
भारतीय रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक मसालों में से एक दालचीनी में कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है। दालचीनी की छाल में सिनामाल्डिहाइड (cinnamaldehyde) मुख्य घटक है जिसमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है (2)। कैंसर से बचाव के लिए दालचीनी की छाल को चाय, दूध या भोजन में 1 से 1.5 ग्राम प्रति दिन लिया जा सकता है। इसके भारी उपयोग से त्वचा में जलन और एलर्जी हो सकती है।
हल्दी की गांठ
मसाले वाली हल्दी में करक्यूमिन (curcumin) होता है, जिसमें कैंसर विरोधी गतिविधि होती है (3)। कैंसर से बचाव के लिए हल्दी की जड़ को दूध या भोजन में 1 से 2 ग्राम प्रति दिन लिया जा सकता है। हल्दी की जड़ (2 ग्राम) को काली मिर्च (2 ग्राम) के साथ जैतून के तेल में मिलाकर इसके कैंसर विरोधी गतिविधि को बढ़ाया जा सकता है और इसका उपयोग करने से कैंसर से सुरक्षा मिल सकती है।
सौंफ के बीज
सौंफ का बीज एंटीऑक्सिडेंट (antioxidants) की उपस्थिति के कारण ट्यूमर विरोधी प्रभाव प्रदर्शित करता है (4)। एनेथोल (anethole) सौंफ के बीज का मुख्य घटक है जिसमें कैंसर विरोधी गतिविधि होती है (5)। कैंसर से बचाव के लिए सौंफ को चाय या भोजन में 1 से 2 ग्राम प्रतिदिन लिया जा सकता है।
लहसुन की कली
लहसुन में ऑर्गनोसल्फर (organosulfur) यौगिक होते हैं जिनमें संभावित कैंसर-निवारक गुण होते हैं (6)। लहसुन की कली का प्रयोग कैंसर के विकास से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (7)। कैंसर से बचाव के लिए लहसुन की कली को भोजन में 0.6 से 1.2 ग्राम/दिन या अकेले लिया जा सकता है।
अदरक प्रकंद
अदरक के प्रकंद में एंटीऑक्सीडेंट, जिंजरोल (gingerol) और जिंजरोन (zingerone) पाए जाते हैं और इसलिए यह कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है (8, 9)। अदरक के प्रकंद का उपयोग कैंसर के विकास को कम करता है। कैंसर से बचाव के लिए अदरक को भोजन में 1 से 3 ग्राम/दिन या अकेले लिया जा सकता है।
काली मिर्च के बीज
काली मिर्च के बीज में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ पिपेरिन (piperine) कैंसर के खिलाफ सुरक्षात्मक कार्य करता है (10)। काली मिर्च के बीजों के सेवन से कैंसर का खतरा कम होता है। काली मिर्च के बीज का चूर्ण 1 से 2 ग्राम प्रतिदिन चाय या भोजन में लेने से कैंसर से बचाव होता है।
केसर के धागे
केसर में क्रोसेटिन (crocetin) होता है, जो एक प्राकृतिक कैरोटेनॉयड डाइकारबॉक्सिलिक एसिड (natural carotenoid dicarboxylic acid) है, जो कैंसर से लड़ने वाला एजेंट है (11)। केसर के धागों का सेवन कैंसर के विकास से बचाता है। कैंसर से बचाव के लिए केसर के धागों को चाय या भोजन में 1 से 1.5 ग्राम प्रतिदिन लिया जा सकता है।
काला जीरा
काला जीरा थायमोक्विनोन (thymoquinone) नामक एक यौगिक युक्त होता है जिसमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है (12)। काला जीरा रोजाना सेवन करने से कैंसर की बीमारी से बचा जा सकता है। चाय या भोजन में काला जीरा (0.5 से 2 ग्राम/दिन) चबाने या लेने से कैंसर से बचाव होता है।